रायपुर शहर में जी 20 वर्किंग ग्रुप की बैठक आज से शुरू, आमंत्रित देशों के प्रतिनिधि दो दिवसीय बैठक में लेंगे हिस्सा

 रायपुर शहर में जी 20 वर्किंग ग्रुप की बैठक आज से शुरू, आमंत्रित देशों के प्रतिनिधि दो दिवसीय बैठक में लेंगे हिस्सा

रायपुर और जगदलपुर में गरज-चमक के साथ आज वर्षा की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग की ताजा रिपोर्ट के अनुसार मानसून द्रोणिका माध्य समुद्र तल पर जैसलमेर, दक्षिण-पूर्व राजस्थान के ऊपर स्थित निम्न दाब के केंद्र, सागर, डाल्टनगंज, जमशेदपुर, दीघा और उसके बाद पूर्व-दक्षिण-पूर्व की ओर उत्तर-पूर्व बंगाल की खाड़ी तक विस्तारित है।

जी20 मसौदा कार्य समूह (एफडब्ल्यूजी) की चौथी और अंतिम दो दिवसीय बैठक आज से छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में होगी।

मिली जानकारी के अनुसार जी20 सदस्य और आमंत्रित देशों, विभिन्न अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय संगठनों के 65 से अधिक प्रतिनिधि नवा रायपुर के मेफेयर रिजॉर्ट में आयोजित दो दिवसीय बैठक में हिस्सा लेंगे। अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय में सलाहकार चांदनी रैना और ब्रिटेन के आर्थिक और वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार सैम बैकेट बैठक की सह अध्यक्षता करेंगे। उन्होंने कहा कि एफडब्ल्यूजी में नवीनतम आर्थिक मामलों और वृहद आर्थिक मुद्दे के बिंदुओं पर चर्चा करने की सहूलियत मिलेगी। इस बैठक से इतर भारतीय रिजर्व बैंक जन भागीदारी कार्यक्रमों की श्रृंखला आयोजित करेगा जिनमें डिजिटल बैंकिंग और वित्तीय समावेश पर पैनल परिचर्चा, वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम, जी20 जागरूकता कार्यक्रम, चित्रकला और नारा लेखन प्रतियोगिता शामिल है। अधिकारी ने बताया कि प्रतिनिधियों के नंदनवन चिड़ियाघर जाने का भी कार्यक्रम है।

छत्तीसगढ़ की चिन्हारी गिफ्ट में वनोपजों से बनाए गए खास प्रोडक्ट पैक होंगे। मिलेट्स से बने कूकीज दिए जाएंगे। संयुक्त राष्ट्र संघ की ओर से इस वर्ष को मिलेट ईयर घोषित किया गया है। मिलेट्स कैफे बनने से छत्तीसगढ़ में मिलेट्स के प्रति जागरूकता बढ़ गई है। छत्तीसगढ़ के जंगलों में पाई जाने वाला शहद देश के सबसे शुद्ध और स्वादिष्ट शहद माना जाता है। इसमें औषधिय गुण भी रहते हैं। छत्तीसगढ़ में उत्पादित किए जाने वाले एलोवीरा जेल, अश्वगंधा चूर्ण की लोकप्रियता भी देश भर में है। डेलीगेट्स को गिफ्ट में दिए जाएंगे।

इसके साथ ही चिन्हारी के रूप उन्हें बस्तर आर्ट का उपहार भी दिया जाएगा। यहां ढोकरा कला से बनाई गई एक प्रतिमा फ्रेम में आबद्ध कर उन्हें प्रदान की जाएगी। इस कला का थीम चार आदिवासी युवतियों को लेकर है। वे नृत्यरत हैं और एक दूसरे का हाथ थामे हुए हैं। इस प्रतिमा से बस्तर की सुंदरता और लोकजीवन की समृद्धि की झलक डेलीगेट्स को मिल सकेगी।

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