मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ के मिलेट्स उत्पादक किसानों के हित में लिए बड़े फैसले, कोदो-कुटकी का समर्थन मूल्य बढ़ा
मुख्यमंत्री की घोषणा पर त्वरित अमल करते हुए कृषि विभाग ने जारी की अधिसूचना
कोदो का समर्थन मूल्य 3000 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 3200 रुपए प्रति क्विंटल तथा कुटकी का समर्थन मूल्य 3100 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 3350 रुपए प्रति क्विंटल किया गया
सीएम भूपेश बघेल ने आज गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को राशि वितरण कार्यक्रम में मिलेट्स उत्पादक किसानों के हित में बड़ी घोषणा की। उन्होंने कोदो और कुटकी के समर्थन मूल्य में वृद्धि की घोषणा की। सीएम बघेल ने खरीफ 2023 हेतु कोदो का समर्थन मूल्य 3000 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़कर 3200 रुपए प्रति क्विंटल करने तथा कुटकी का समर्थन मूल्य 3100 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़कर 3350 रुपए प्रति क्विंटल करने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार कोदो तथा कुटकी का समर्थन मूल्य घोषित नहीं करती है। राज्य सरकार द्वारा कई बार केंद्र से कोदो और कुटकी का समर्थन मूल्य घोषित करने का आग्रह किया गया लेकिन केंद्र सरकार द्वारा इसकी घोषणा नहीं की गई। इसलिए छत्तीसगढ़ के मिलेट्स उत्पादक किसानों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा कोदो- कुटकी का समर्थन मूल्य घोषित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री बघेल ने कोदो का समर्थन मूल्य जो वर्ष 2022-23 में 3000 प्रति क्विंटल था जिसे खरीफ 2023 हेतु बढ़ाकर 3200 रुपए प्रति क्विंटल करने तथा कुटकी का समर्थन मूल्य जो 3100 रुपए प्रति क्विंटल था उसे बढ़ाकर 3350 प्रति क्विंटल करने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री की घोषणा पर त्वरित अमल-
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा आज शाम कोदो-कुटकी के समर्थन मूल्य में वृद्धि की घोषणा पर त्वरित अमल करते हुए छत्तीसगढ़ शासन के कृषि एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा खरीफ 2023 में उत्पादित कोदो एवं कुटकी के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि के संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है। अधिसूचना में खरीफ 2023 में उत्पादित कोदो का न्यूनतम उपार्जन मूल्य 3200 रूपए प्रति क्विंटल और कुटकी का न्यूनतम उपार्जन मूल्य 3350 रूपए प्रति क्विंटल किया गया है। रागी फसल के लिए भारत सरकार द्वारा खरीफ 2023 हेतु घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य 3846 रूपए प्रति क्विंटल के अनुसार उपार्जन किया जाएगा। उपार्जन अवधि का निर्धारण वन विभाग द्वारा किया जाएगा। कोदो-कुटकी एवं रागी का उपार्जन छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ के माध्यम से किया जाएगा।