सीएम भूपेश बघेल ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा पेश आंकड़े को बताया फर्जी
प्रवर्तन निदेशालय ने 20-21 अक्टूबर को प्रदेश के राइस मिलर्स, ट्रांसपोर्टर्स और एमडी समेत मार्कफेड के अधिकारियों पर छापेमारी करके पांच सौ करोड़ के प्रोत्साहन घोटाले का खुलासा किया था। ईडी के इन आंकड़े को भूपेश बघेल ने झूठा बताया हैं। बघेल का कहना है कि ईडी ने एक बार फिर मनगढ़ंत आरोप लगाकर भाजपा को एक चुनावी मुद्दा दे दिया है। अमित शाह के इशारे पर अबकी बार वे चावल घोटाले की बात कर रहे हैं।रमन सिंह 15 साल मुख्यमंत्री रहे हैं। पर उनके बयान से ज़ाहिर है कि उन्हें कामकाज का अंदाज़ा अभी भी नहीं हुआ है।
एक ट्वीट में सीएम ने कहा है कि कस्टम मिलिंग के चार्ज तो वर्ष 2022-23 से ही बढ़ाए गए हैं यानी अभी एक ही साल का भुगतान हुआ है, तो चार साल के घोटालों का हिसाब कहां से आ गया? ईडी ने 10-12 राइस मिलरों से बयान लेकर अनुमान लगा लिया है, अगर एजेंसी 2,200 मिलरों के बयान दर्ज कर ले फिर किसी आंकड़े की बात करे।सरकार को बदनाम करने के लिए आंकड़े जारी न करे।
भूपेश बघेल ने ट्वीट किया है कि रमन सिंह जब प्रदेश के मुखिया थे तो हर साल किसानों से खरीदे गए 60-70 लाख टन धान की मिलिंग भी नहीं हो पाती थी। सूखत, चोरी, ब्याज़, संग्रहण केंद्रों के रखरखाव और धान के ख़राब होने से हर साल सैकड़ों करोड़ का नुक़सान होता था। वे जनता को यह नहीं बताएंगे कि कस्टम मिलिंग की नई प्रणाली शुरु होने के बाद 97 लाख टन धान का उठाव बरसात से पहले ही हो गया और राज्य की 2000 करोड़ रुपयों की बचत हुई है।
ईडी झूठे आंकड़े इसीलिए जारी कर रही है जिससे कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार को बदनाम करने के लिए भाजपा को हथियार मिल सके, पर ये पब्लिक है डॉक्टर साहब! ये सब जानती है। वो देख रही है कि कैसे भाजपा ईडी, आईटी और सीबीआई जैसी एजेंसियों की सहायता से चुनाव लड़ना चाहती है। देखें, भूपेश बघेल का ट्वीट :