अरपा नदी को लेकर जनहित याचिका पर अगली सुनवाई 6 फरवरी को, हाईकोर्ट ने छत्तीसगढ़ सरकार को नोटिस जारी कर अरपा नदी को स्वच्छ रखने तथा इसके संरक्षण और संवर्धन के लिए एक्शन प्लान बताने का दिया निर्देश
अरपा नदी को स्वच्छ रखने तथा इसके संरक्षण और संवर्धन को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर एक्शन प्लान बताने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया गया तो प्रतिदिन सुनवाई कर प्रगति की समीक्षा की जाएगी।
दरअसल हाईकोर्ट में पेंड्रा के रामनिवास तिवारी और अधिवक्ता अरविंद कुमार शुक्ला ने अरपा नदी को लेकर एक जनहित याचिका दायर की है। पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर नदी के संरक्षण और संवर्धन के लिए रिवाइवल कमेटी बनाने का निर्देश दिया था। इस समिति की कुछ बैठकें हुई थी लेकिन अब तक नदी के संरक्षण और संवर्धन के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है।
याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि हाल ही में बिलासपुर में नदी के एक पुल को रामसेतु नाम दिया गया है, लेकिन इस सेतु के नीचे गंदे पानी और कचरे का अंबार लगा है। संबंधित अधिकारी नदी के संरक्षण, संवर्धन के लिए गंभीरता से ध्यान नहीं दे रहे हैं।
शासन की ओर से उपस्थित अधिवक्ता ने बताया कि बिलासपुर में नदी के दोनों तरफ सड़क बनाई जा रही है। इसके अलावा तीन एसटीपी संयंत्र लगाए जा रहे हैं, जिससे गंदे पानी को साफ कर अरपा नदी में प्रवाहित किया जाएगा। दोनों किनारों पर नालों का निर्माण भी चल रहा है।
हाई कोर्ट ने इस मामले में सख्त रवैया अपनाते हुए कहा है कि एक्शन प्लान के साथ-साथ स्थायी कार्य कब तक पूरे हो जाएंगे, इस पर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। यह जनहित से जुड़ा मुद्दा है। अधिकारी लापरवाही ना करें वरना कोर्ट उनको रोजाना जवाब देने के लिए बुलाएगी। याचिका पर अगली सुनवाई 6 फरवरी को होगी।