हाईकोर्ट ने श्री रामलला दर्शन यात्रा के खिलाफ पेश याचिका की खारिज
हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा एवं जस्टिस रविन्द्र कुमार अग्रवाल की डीबी ने श्री रामलला दर्शन यात्रा (अयोध्या धाम) योजना के खिलाफ पेश जनहित याचिका को जनहित के नहीं मानते हुए खारिज कर दिया है। याचिका में कहा गया था कि राज्य सरकार की प्रदेश वासियों को श्री रामलला दर्शन हेतु अयोध्या धाम यात्रा कराने कैबिनेट में 10 जनवरी 2024 को प्रस्ताव पास किया। कैबिनेट की बैठक में लिए गया निर्णय के खिलाफ लखन सुबोध ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका पेश की थी। याचिका में कैबिनेट के निर्णय को गलत बताया गया। एक धर्म के लोगों के सरकार द्वारा निशुल्क यात्रा कराये जाने को धर्मनिरपेक्ष के खिलाफ बताया गया। वहीं याचिका पर शासन की ओर से कहा गया कि कैबिनेट की बैठक के अलावा इसके लिए अलग से अधिसूचना प्रकाशित किया गया। इसमें कही भी हिन्दुओ के लिए यात्रा नहीं कहा गया है। समस्त छत्तीसगढ़ के नागरिकों के लिए यात्रा है। कोई भी धर्म का व्यक्ति यात्रा कर सकता है। सभी पक्षो को सुनने के बाद सरकार के अधिकार पर कोर्ट ने हस्तक्षेप से इनकार किया। यात्रा प्रदेश वासियों के लिए होने, धर्मिक यात्रा नहीं होने पर कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया है।