डिप्टी सीएम विजय शर्मा को इस मामले में जिला न्यायालय से मिली बड़ी राहत
डिप्टी सीएम विजय शर्मा के मामले में जिला न्यायालय ने फैसला सुनाया। दरअसल 2021 में तत्कालीन खाद्य अधिकारी अरूण मेश्राम ने विजय शर्मा और कैलाश चंद्रवंशी गरीबों का राशन कार्ड बनवाने गए थे। उसी दौरान खाद्य अधिकारी अरुण मेश्राम ने जातिसूचक गाली देने का आरोप लगाकर दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। विजय शर्मा और कैलाश चंद्रवंशी पर एट्रोसिटी एक्ट के तहत केस ठोका गया था। इस मामले में वर्तमान डिप्टी सीएम 18 दिन के लिए जेल भी गए थे। आज इसी मामले में जिला न्यायालय में फैसला सुनाया। डिप्टी सीएम विजय शर्मा और कैलाश चंद्रवंशी को दोषमुक्त किया गया है।
जिला न्यायालय में अंतरिम सुनवाई के दौरान जिला सत्र न्यायाधीश सत्यभामा अजय दुबे ने फैसला सुनाते हुए डिप्टी सीएमको दोषमुक्त करार दिया। इस पर डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा कि तत्कालीन मंत्री मोहम्मद अकबर की शह पर हम पर फर्जी एट्रोसिटी एक्ट के तहत कार्रवाई की गई थी। आज सच सबके सामने आ गया है। उस दौरान मोहम्मद अकबर लोगों की आवाज दबाने के लिए फर्जी एक्ट लगवाकर कारवाई कराने का काम करते थे।
उन्होंने कहा कि हमने किसानों और गरीबों की आवाज उठाई थी। जिसके बदले एक अधिकारी के मार्फत फर्जी एट्रोसिटी एक्ट लगवाया गया। जबकि उस अधिकारी के पास राशन कार्ड की समस्याएं लेकर हम पहुंचे थे। जिसकी वीडियो भी हमारे पास उपलब्ध है। लेकिन आज हम इस मामले में दोषमुक्त हुए हैं। जिसके लिए न्यायालय को धन्यवाद देता हूं।