छत्तीसगढ़ के स्कूलों में शुरू हुआ न्योता भोज, जाने क्या है न्योता भोजन
स्कूलों में प्रधानमंत्री को पोषण शक्ति निर्माण योजना के अंतर्गत विद्यार्थियों को दिए जाने वाले गर्म भोजन में एक नया अवधारणा जोड़ा गया है , जिसे न्योता भोजन का नाम दिया गया है। छत्तीसगढ़ में सामुदायिक भागीदारी को और मजबूत करने साथ ही शाला के प्रति अपनत्व की भावना विकसित करने के लिए यह अवधारणा लाया गया है।
राज्य शासन स्कूल शिक्षा विभाग महानदी भवन नया रायपुर द्वारा इस संबंध में सभी कलेक्टरों एवं जिला शिक्षा अधिकारियों को आवश्यक निर्देश जारी कर दिए गए हैं | न्योता भोजन के संबंध में विस्तृत दिशा निर्देश प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना के दिशा निर्देश के अध्याय 12 में ‘तिथि भोजन’ के नाम से दिए गए हैं इसका पालन करना सुनिश्चित करने को कहा गया है।
न्योता भोजन
न्योता भोजन का उद्देश्य समुदाय के बीच अपनेपन की भावना का विकास .भोजन के पोषक मूल्य में वृद्धि तथा सभी समुदाय वर्ग के बच्चों में समानता की भावना विकसित करना है | न्योता भोजन की अवधारणा सामुदायिक भागीदारी पर आधारित है , यह पूरी तरह स्वैच्छिक है | समुदाय के लोग अथवा कोई भी सामाजिक संगठन स्कूलों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को पूर्ण भोजन का योगदान कर सकते हैं अथवा अतिरिक्त पोषण के रूप में खाद्य सामग्री का योगदान कर सकते हैं |न्योता भोजन स्कूल में दिए जाने वाले भोजन का विकल्प नहीं होगा , बल्कि यह विद्यार्थियों को दिए जा रहे भोजन का पूरक होगा।
यदि इसे सामान्य शब्दों में समझे तो कोई भी सामाजिक संगठन अथवा समुदाय विशेष अवसर जैसे वर्षगांठ ,शादी ,जन्मदिन , अन्य पर विद्यार्थियों के लिए भोजन सामग्री या भोजन का व्यवस्था कर सकता है , परंतु यह अनिवार्य नहीं है साथ ही यह मध्यान भोजन में दिए जाने वाले भोजन के अतिरिक्त होगा बल्कि विकल्प नहीं होगा। स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेसी में सभी कलेक्टरों से कहा है कि न्योता भोजन की अवधारणा सामुदायिक भागीदारी पर आधारित है , यह विभिन्न त्योहार या अवसरों जैसे वर्षगांठ, जन्मदिन, विवाह और राष्ट्रीय पर्व पर बड़ी संख्या में लोगों को भोजन प्रदान करने की भारतीय परंपरा पर आधारित है | समुदाय के सदस्य ऐसे अवसरों पर अतिरिक्त खाद्य पदार्थ है या पूर्ण भोजन के रूप में बच्चों को पौष्टिक और स्वादिष्ट भोजन प्रदान कर सकते हैं।