छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा कृषक उन्नति योजना की जा रही शुरू, मीसाबंदियों को सम्मान निधि फिर से होगा प्रारंभ, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मंत्रिपरिषद की बैठक में लिए महत्वपूर्ण फैसले
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में कल मंत्रालय महानदी भवन में मंत्रिपरिषद की बैठक आयोजित हुई जिसमें कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए । कैबिनेट की बैठक में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की एक और गारंटी को पूरा करते हुए राज्य के किसानों के हित में एक बड़ा फैसला लेते हुए खरीफ 2023-24 से ‘‘कृषक उन्नति योजना‘‘ लागू करने का निर्णय लिया गया।
राज्य के किसानों की आय, फसल उत्पादन एवं उत्पादकता को बढ़ाने तथा फसल की कास्त लागत में कमी करने के उद्देश्य से यह योजना लागू की गई है। विकेन्द्रीकृत चांवल उपार्जन के लिए भारत सरकार से हुए एमओयू को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार द्वारा कृषक उन्नति योजना शुरू की जा रही है।
मंत्रिपरिषद द्वारा यह निर्णय लिया गया कि कृषक उन्नति योजना के क्रियान्वयन संबंधी प्रस्ताव अनुसार खरीफ वर्ष 2023 में धान खरीदी के आधार पर किसानों को प्रति एकड़ 19,257 रूपए के मान से आदान सहायता राशि प्रदाय की जाएगी एवं तदानुसार अनुषांगिक कार्यवाही करने हेतु विभाग को अधिकृत किया जाएगा।
मंत्रिपरिषद की बैठक में लोकतंत्र सेनानियों (मीसाबंदियों) की सम्मान निधि को फिर से प्रारंभ करने और बकाया राशि प्रदान करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। प्रदेश में 2018 की स्थिति में 430 लोकतंत्र सेनानियों/आश्रितों को प्रतिवर्ष करीब 9 करोड़ रूपए की सम्मान राशि प्रदान की जाती थी।
एक मार्च से कम अवधि के निरूद्ध व्यक्तियों को 8 हजार रूपए प्रतिमाह, एक से 5 माह तक के निरूद्ध व्यक्तियों को 15 हजार रूपए प्रतिमाह तथा पांच माह तथा अधिक निरूद्ध व्यक्तियों को 25 हजार रूपए प्रतिमाह दिया जाएगा।
भारत में घोषित आपातकाल के दौरान छत्तीसगढ़ के राजनैतिक या सामाजिक कारणों से मीसा/डीआईआर के अधीन निरूद्ध व्यक्तियों को सम्मान राशि प्रदान करने के लिए लोकनायक जयप्रकाश नारायण सम्मान निधि नियम-2008 बनाया गया था। जिसे सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 23 जनवरी 2020 तथा 29 जुलाई 2020 को अधिसूचना जारी कर निरस्त कर दिया गया था।
मंत्रिपरिषद की बैठक में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा 26 मई 2020 को पारित आदेश के परिपालन में उपरोक्त दोनों अधिसूचनाओं को निरस्त करते हुए लोकतंत्र सेनानियों (मीसाबंदियों) की सम्मान निधि को फिर से प्रारंभ करने और बकाया राशि प्रदान करने का निर्णय लिया गया।
अर्थात पूर्व अनुसार प्रतिमाह सम्मान राशि पुनः प्रारंभ की जाती है एवं सम्मान राशि बंद होने से लेकर पुनः प्रारंभ होने तक की अवधि की एरियर्स राशि 01 नवम्बर 2024 को प्रदान करने का निर्णय लिया गया। सुशासन एवं अभिसरण विभाग के गठन का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया।
प्रदेश में राज्य सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों के सफल क्रियान्वयन, उपलब्ध संसाधनों के सर्वाेत्तम संभव उपयोग हेतु और जनसमस्याओं के त्वरित समाधान के लिए पृथक विभाग का गठन किया गया है।
इस विभाग के गठन से बेहतर प्रशासन के साथ जनता तक शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं की सुलभ पहुंच सुनिश्चित की जाएगी। डिजिटल गवर्नेंस के तहत प्रशासन के सभी स्तरों पर डिजिटलाईजेशन को बढ़ावा देते हुए पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी। नये विचारों एवं क्रिया विधि के संबंध में शोध और प्रशासनिक सुधार के कार्य किए जाएंगे।
विभाग द्वारा राज्य में सुशासन के क्षेत्र में अभिनव पहल करते हुए सुशासन फेलोशिप और मुख्यमंत्री लोक प्रशासन में उत्कृष्टता पुरस्कार प्रदाय किया जाएगा। इस विभाग के अंतर्गत अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन और नीति विश्लेषण शिक्षण संस्थान और छत्तीसगढ़ राज्य नवाचार आयोग आएंगेे। राज्य प्रवर्तित राजीव नगर आवास योजना की शर्ताें को यथावत रखते हुए इस योजना का नाम ‘‘अटल विहार योजना‘‘ करने का निर्णय लिया गया।
गौरतलब है कि आवास एवं पर्यावरण विभाग द्वारा 2011 में विकास नगर योजना के तहत ई.डब्ल्यू.एस. एवं एल.आई.जी. भवनों के लिए अनुदान एवं शासकीय भूमि आबंटन के लिए योजना का नामकरण अटल विहार योजना किया गया था। जिसे वर्ष 2021 में बदलकर राजीव नगर आवास योजना कर दिया गया था। मंत्रिपरिषद की बैठक में इस योजना का नामकरण पुनः ‘‘अटल विहार योजना‘‘ करने का निर्णय लिया गया।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत अंत्योदय एवं प्राथमिकता राशनकार्डधारियों को अप्रैल 2024 से मार्च 2025 तक आवश्यक शक्कर वितरण के लिए राज्य के सहकारी शक्कर कारखानों से शक्कर क्रय करने का निर्णय लिया गया। शक्कर का क्रय मूल्य 35,000 रूपए प्रति टन (एक्स फैक्टरी और जीएसटी अतिरिक्त) ।